सब्जी नहीं ये वैक्सीन है! खाकर पेट तो भर जाएगा, मन नहीं…सेहत के लिए वरदान

अमरेली जिले में जैसे ही मानसून की पहली फुहारें गिरती हैं, वैसे ही गिर कांठा के जंगलों में जीवन एक बार फिर खिल उठता है. झरनों की कलकल, मिट्टी की सौंधी खुशबू और हरियाली के बीच एक खास चीज उगती है – वासेती भाजी. यह कोई आम सब्जी नहीं, बल्कि गिर के आदिवासी और ग्रामीण लोगों के लिए प्रकृति का अनमोल तोहफा है, जो हर साल सिर्फ बारिश में ही दिखाई देती है.

प्राकृतिक तरीके से उगती है औषधीय वासेती

वासेती भाजी खेतों में नहीं बोई जाती, न ही इसे कोई खास खाद चाहिए. यह मिट्टी में जब नमी आ जाती है, तब जंगल की गोद में अपने आप उग जाती है. इसके पत्ते पतले और हल्के होते हैं, जिनमें एक अलग ही खुशबू होती है. खाने में स्वादिष्ट और सेहत के लिए रामबाण मानी जाने वाली इस सब्जी को आयुर्वेद भी खास मानता है.

सेहत की चाबी है ये हरी सब्जी

अमरेली के आयुर्वेदिक डॉक्टर मुकेश खासिया बताते हैं कि वासेती भाजी सर्दी-खांसी, बुखार और पाचन संबंधी परेशानियों में बहुत लाभदायक है. गाँव के लोग कहते हैं कि अगर मानसून में तीन बार वासेती खा ली जाए, तो साल भर बीमारियाँ पास नहीं फटकतीं. यह एक तरह से देसी वैक्सीन जैसी मानी जाती है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है.

बाजार में कीमत 400 रुपये किलो तक पहुंची

क्योंकि यह सब्जी सिर्फ बरसात में और वो भी सीमित मात्रा में मिलती है, इसलिए इसकी मांग बहुत ज्यादा है. अमरेली और आसपास के ग्रामीण इलाकों में इसकी कीमत 300 से 400 रुपये किलो तक पहुंच चुकी है. इसके बावजूद लोग इसे खरीदने के लिए उतावले रहते हैं, क्योंकि इसका स्वाद और लाभ दोनों किसी भी कीमत से ज्यादा हैं.

गांव की महिलाओं के लिए रोज़गार का ज़रिया

गिर के जंगलों से महिलाएं और स्थानीय ग्रामीण इस भाजी को इकट्ठा करके बाजार में बेचते हैं. इससे उन्हें अच्छी आमदनी हो जाती है, जो खासकर उन महिलाओं के लिए मददगार है जो अपने परिवार की आय में योगदान देना चाहती हैं. इस तरह वासेती भाजी ने एक छोटी सी लोकल अर्थव्यवस्था खड़ी कर दी है.

प्रकृति से जुड़ा यह उपहार हर साल की सौगात है

गिर की हरियाली सिर्फ दिखने में सुंदर नहीं, बल्कि यह जीवन देने वाली है. वासेती भाजी इसका उदाहरण है – सीमित समय के लिए मिलने वाली यह हरी सौगात न सिर्फ स्वास्थ्य को संजीवनी देती है, बल्कि गाँवों में रोजगार और आत्मनिर्भरता का रास्ता भी बनाती है.

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