JEE Advanced 2025 : आईआईटी बीएचयू (IIT BHU) ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए अपनी सबसे अधिक मांग वाली शाखाओं में 111 सीटों का इजाफा किया है. संस्थान ने जेईई एडवांस्ड 2025 के ज़रिए चयनित होने वाले छात्रों के लिए यह बदलाव किया है.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, इस सत्र में कुल 1,589 सीटें उपलब्ध रहेंगी, जो पिछले वर्ष के समान है. हालांकि, सीटों के वितरण में बड़ा फेरबदल किया गया है, ताकि छात्रों की पसंद और इंडस्ट्री की ज़रूरतों के अनुसार उच्च मांग वाली शाखाओं में ज्यादा मौके दिए जा सकें.
कहां घटी और कहां बढ़ी सीटें?
इस बदलाव के तहत चार विभागों — सेरामिक इंजीनियरिंग, मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग, माइनिंग इंजीनियरिंग और फार्मास्युटिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में कुल 111 सीटें घटाई गई हैं. वहीं, इन सीटों को कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग जैसी नौ लोकप्रिय शाखाओं में बढ़ा दिया गया है. सबसे ज्यादा बढ़ोतरी कंप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में हुई है, जहां क्रमशः 22-22 सीटें बढ़ाई गई हैं. इसके अलावा, केमिकल, सिविल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में भी 10 से 14 सीटों का इजाफा किया गया है.
IIT BHU में बीटेक की सीटें
प्रोग्राम का नाम | 2025–26 सीटें | 2024–25 सीटें | बदलाव |
---|---|---|---|
सेरामिक इंजीनियरिंग | 75 | 95 | -20 |
केमिकल इंजीनियरिंग | 170 | 156 | +14 |
सिविल इंजीनियरिंग | 160 | 150 | +10 |
कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग | 155 | 133 | +22 |
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग | 150 | 145 | +5 |
इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग | 155 | 133 | +22 |
मैकेनिकल इंजीनियरिंग | 190 | 180 | +10 |
मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग | 110 | 134 | -24 |
माइनिंग इंजीनियरिंग | 120 | 161 | -41 |
फार्मास्युटिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी | 75 | 101 | -26 |
आर्किटेक्चर (5 वर्षीय) | 26 | 26 | 0 |
बायोकैमिकल इंजीनियरिंग | 25 | 25 | 0 |
बायोइंजीनियरिंग | 21 | 21 | 0 |
मटेरियल साइंस एंड टेक्नोलॉजी | 28 | 28 | 0 |
मैथमैटिक्स एंड कंप्यूटिंग | 65 | 52 | +13 |
इंजीनियरिंग फिजिक्स | 40 | 28 | +12 |
इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री | 24 | 21 | +3 |
कुल | 1589 | 1589 | 0 |
इन ब्रांच में नहीं घटी-बढ़ी सीटें
IIT BHU के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने कहा, “हम हमेशा अपने अकादमिक प्रोग्राम्स को छात्रों की आकांक्षाओं और इंडस्ट्री की बदलती ज़रूरतों के अनुरूप ढालने की कोशिश कर रहे हैं. सीटों का यह पुनर्वितरण प्रतिभाशाली छात्रों को उनकी पसंद के क्षेत्र में पढ़ाई का अवसर देगा और देश की तकनीकी प्रगति में उनका योगदान सुनिश्चित करेगा.” गौरतलब है कि आर्किटेक्चर, बायोकेमिकल, बायोइंजीनियरिंग और मैटेरियल साइंस जैसी शाखाओं में सीटों की संख्या यथावत रखी गई है.